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हाँ ! यहाँ भी बेटी है …

मेरा पक्ष...
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डायरी / विदेश

22 जनवरी ’13

हाँ ! यहाँ भी बेटी है …
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…आज ‘कैलीफोर्निया’ से जारी एक बेहद संक्षिप्त समाचार पढ़ा:-चार्लीज एंजेल्स जैसी फ़िल्मों की नायिका ड्रियु बैरीमोर ने अपनी तीन महीने की बेटी ऑलिव को घर में किसी प्रकार की चोट से बचाने के लिए पूरे घर के मेकओवर पर 80 हज़ार डॉलर ख़र्च किए हैं …!
तुलनात्मक रूप से प्रतिदिन ‘गिरने’ को अभिशप्त भारतीय मुद्रा में उपरोक्त रक़म लगभग 40 लाख रुपये बनती है.बेशक़ ‘ड्रियु’ द्वारा ख़र्च की जाने वाली यह धनराशि भारतीय नज़रिए से ‘अच्छी-खासी’ है.बेघर भारतीय की नज़र में तो यह ‘ख़र्च’ नहीं ‘अय्याशी’ होगी !
मैं स्वयं जब यह सब कुछ लिख रहा हूँ तो मुझे अपने घर की ‘पॉलीथिन-छत’ दिखाई दे रही है.और मेरे असहाय कानों में गूँज रहा
है …मेरी प्रिय बेटी का यह ड्रीम कथन …”अभी नहीं पापा …जब हमारे पास ख़ूब पैसे हो जाएंगे तो मैं अपना अलग कमरा बनवाना चाहूँगी …जिसमें …”
मेरी नज़र में इस समाचार को जो चीज ‘महान’ बना रही है…वह है ‘माँ की ममता’ !
‘दामिनी’ के दौर में मैं ‘बेटियों’ के प्रति भारतीयों के द्रष्टिकोंण पर कुछ न लिख कर सिर्फ़ इतना कहूँगा …हम चाहें तो पश्चिमी
पूर्वाग्रह से मुक्त होकर ‘ड्रियु’ से ‘माँ की ममता’ का पाठ सीख सकते हैं !
‘डियु’ के लिए 80 हज़ार डॉलर ‘मामूली’ हो सकते हैं ! समाचार की विश्वस्यनीयता पर संदेह हो सकता है ! यह ‘डियु’ के लिए ‘इमोशनल’ प्रचार का हथकंडा हो सकता है ! आख़िर ‘गर्भ’ के पोज़ की मार्केटिंग के समय में कुछ भी संभव हो सकता है ! लेकिन ‘डियु’ जब हर कमरे में ‘बेबी मॉनीटर’ लगवा रहीं, घर के हर कोने को गोल बनवा रहीं साथ ही ‘इलेक्ट्रिक स्विच बोर्ड’ को बेबी पहुंच से ‘दूर’ करवा रही होंगी तो मुझे उम्मीद है उस समय वह केवल एक ‘चिंतित माँ’ की भूमिका में होंगी !
दुनिया बहुत भ्रष्ट है ! और ज़्यादा की तरफ़ अग्रसर भी ! मगर केन्द्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे द्वारा ज़िम्मेदार पद पर रहते हुए ‘संघ’ के ख़िलाफ़ ग़ैर ज़िम्मेदाराना वक्तव्य को पढ़ते समय उपरोक्त ‘नन्हे’ समाचार को पढ़ना सुखद है ! ‘वंशवाद’ की शान में आरती उतारते इन्हीं शिंदे जी को ‘दामिनी’ के मामले में हमने ‘आपकी अदालत’ में ‘हकलाते’ सुना / देखा था ! कमाल है ? शाब्दिक ‘चरण वंदना’ ‘हकलाहट’ को ‘धारा प्रवाह’ में बदल देती है ! इतने ‘धारा प्रवाह’ में कि ‘हाफ़िज सईद’ जैसों को ‘संदेह’ का लाभ मिल जाता है !
ख़ैर …!
एक भारतीय की ओर से …शुक्रिया ‘डियु’ !!

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